अध्यात्म

इस साल महाशिवरात्रि पर बन रहा है बेहद खास संयोग, ऐसे करें भोलेनाथ को प्रसन्न

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

हिंदू पंचांग के मुताबिक हर साल फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, शिवरात्रि वाले दिन मां पार्वती और शिवजी का विवाह हुआ था। ऐसे में हर साल बहुत ही धूमधाम के साथ भोलेनाथ के भक्त इस त्योहार को मनाते हैं।

महाशिवरात्रिके दिन शिवजी के  भक्त श्रद्धा और विश्वास के साथ व्रत रखते हैं और पूरे विधि-विधान के साथ शिव और मां पार्वती की पूजा करते हैं। माना जाता है कि महाशिवरात्रि वाले दिन भोलेनाथ स्वंय पृथ्वी पर मौजूद शिवलिंग में विराजमान होते हैं इसलिए महाशिवरात्रि के दिन की गई शिव की उपासना से कई गुना हो जाती है। लेकिन इस बार शिवरात्रि कब है आज आपको इस बारे में बताएंगे। आइए जानते हैं।

08 मार्च को रखा जाएगा व्रत

पंचांगों के मुताबिक, फाल्गुन महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 08 मार्च शाम 09:57 पर होगी और इसका समापन अगले दिन 09 मार्च को शाम 06:17 पर होगा। शिव जी की पूजा प्रदोष काल में की जाती है इसलिए उदया तिथि जरुरी मानी जाती है। इस साल महाशिवरात्रि का व्रत 08 मार्च 2024 को रखा जाएगा।

पूजा मुहूर्त

8 मार्च को शिवरात्रि की पूजा का समय शाम के समय 06:25 से लेकर रात 09:28 तक है। इसके अलावा चार प्रहर के मुहूर्त इस तरह से हैं।

रात्रि प्रथम प्रहर पूजा समय – शाम 06:25 से लेकर रात 09:28 मिनट तक

रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा समय – शाम 09:28 से 09 मार्च रात 12:31 तक

रात्रि तृतीय प्रहर पूजा समय – रात 12:31 से सुबह 03:34 तक

रात्रि चतुर्थ प्रहर पूजा समय – सुबह 03:34 से लेकर 06:37 तक

महाशिवरात्रि की पूजा कैसे करें?

महाशिवरात्रि के दिन सुबह उठकर स्नान करने के बाद भगवान शिव का व्रत रखने का संकल्प लें।

. संकल्प के दौरान उपवास की अवधि को पूरा करने के लिए शिवजी का आशीर्वाद लें।

. इसके अलावा व्रत आप फलाहार रख रहे हैं या निर्जला यह भी इस दौरान संकल्प लें।

. इसके बाद शुभ मुहूर्त में पूजा शुरु करें।

. सबसे पहले भगवान शंकर को पंचामृत के साथ स्नान करवाएं।

. साथ ही केसर के 8 लोटे जल के चढ़ाएं।

. इस दिन पूरी रात दीपक जलाएं।

. भगवान शिव को चंदन का तिलक लगाएं।

. बेलपत्र, भांग, धतूरा, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र और दक्षिणा चढ़ाएं ।

. फिर बाद में केसर से बना प्रसाद खीर का भोग लगाकर सबको बांटें।

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