मिज़ोरम

भाजपा ने लगाया आरोप, एमएनएफ सरकार ने किया मनरेगा के तहत फंड का दुरुपयोग

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

मिजोरम : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मिजोरम इकाई ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि राज्य में मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) का उल्लंघन किया है और इसकी राशि का दुरुपयोग किया है। हालांकि, मुख्यमंत्री जोरमथांगा के नेतृत्व वाली प्रदेश सरकार ने इस आरोप से साफ इनकार किया है और कहा है कि हमने मौजूदा दिशानिर्देशों के अनुसार ही कदम उठाए हैं और फंड का कोई दुरुपयोग नहीं किया गया है।
राज्य में महिला भाजपा की अध्यक्ष और केंद्रीय योजनाओं की निगरानी व सतर्कता की उपाध्यक्ष एफ लालरेमसांगी ने कहा कि प्रदेश में मनरेगा योजना की निगरानी व इसे लागू करने के काम में अनियमितताएं हैं और इसके तहत जारी फंड का दुरुपयोग हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने इस काम के लिए मिजोरम राज्य रोजगार गारंटी परिषद का गठन किया, लेकिन वह दिशानिर्देशों का पालन करने और महिला सदस्यों की नियुक्ति के मामले में नाकाम रही है।
उन्होंने कहा कि राज्य रोजगार गारंटी परिषद में गैर आधिकारिक सदस्यों में राज्य सरकार की ओर से नामित की जाने वाली महिला सदस्यों की संख्या कम से कम पांच होनी चाहिए। लालरेमसांगी ने प्रदेश सरकार से कहा कि जैसा कि अधिनियम में कहा गया है, परिषद में पांच महिला सदस्यों की नियुक्ति तत्काल प्रभाव से की जानी चाहिए। उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार ने साल 2019 में मजदूरी घटक और सामग्री घटक को बढ़ा कर 60 और 40 के अनुपात में कर दिया था।
लालरेमसांगी ने आरोप लगाया कि एमएनएफ सरकार ने पार्टी को मजबूत करने के लिए सामग्री घटकों के तहत लाखों रुपये का घपला किया है और इस राशि का दुरुपयोग किया है। यह राशि ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले गरीब लोगों के लिए थी लेकिन एमएनएफ सरकार ने इस पैसे का इस्तेमाल गैरकानूनी तरीके से अपने फायदे के लिए किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा इसकी उच्च स्तरीय जांच कराने के लिए राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति के पास एक याचिका जमा करेगी।
उधर, राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री लालरुआतकिमा ने इन आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि राज्य रोजगार गारंटी परिषद का गठन केंद्रीय दिशानिर्देशों के आधार पर ही किया गया है। उन्होंने कहा कि गैर-सरकारी सदस्यों में आवश्यक महिला सदस्यों को नियुक्त किया जा चुका है क्योंकि दिशानिर्देशों के अनुसार गैर-सरकारी सदस्यों में कम से कम एक तिहाई महिलाएं होनी चाहिए। उन्होंने इससे भी इनकार किया कि राशि का इस्तेमाल पार्टी हित में किया जा रहा है।

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