राजस्थान

अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक, कोरोना की स्थिति तथा त्रिस्तरीय जन अनुशासन संशोधित लॉकडाउन-2 पर हुई चर्चा

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में रविवार को राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति तथा त्रिस्तरीय जन अनुशासन संशोधित लॉकडाउन-2 पर चर्चा की गई। इस दौरान मंत्रिपरिषद के सदस्यों ने जीवनरक्षा के साथ-साथ आजीविका के लिए उचित संतुलन स्थापित करने के संबंध में सुझाव दिए। इन सुझावों के आधार पर गृह विभाग सोमवार को विस्तृत दिशा-निर्देश जारी करेगा।

मंत्रिपरिषद ने केंद्र द्वारा प्रदेश में ब्लैक फंगस की दवा की अपर्याप्त आपूर्ति पर चिंता व्यक्त की और रोगियों की संख्या के अनुपात में इसकी आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार के साथ अधिक समन्वित प्रयास करने पर बल दिया। साथ ही, राज्य के स्तर पर विभिन्न कम्पनियों से भी सम्पर्क करने पर जोर दिया।

एक सरकारी बयान के अनुसार, मंत्रिपरिषद ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि संकट के इस समय में ब्लैक फंगस की रोकथाम के लिए विशेष विमान मुम्बई भेजकर राज्य सरकार ने रोगियों की जीवन रक्षा के लिए जरूरी इंजेक्शन की उपलब्धता सुनिश्चित की है। बैठक में ब्लैक फंगस के रोगियों को समुचित उपचार उपलब्ध कराने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जाने पर बल दिया गया।

बैठक में प्रभारी मंत्रियों ने अपने प्रभार वाले जिलों के दौरों का फीडबैक दिया तथा तीसरी लहर की तैयारियों के बारे में अवगत कराया। बैठक में बताया गया कि खांसी एवं जुकाम (आईएलआई) के लक्षण वाले रोगियों के सर्वे के लिए गठित टीमें ग्रामीण क्षेत्रों में निरंतर काम कर रही है। इनके माध्यम से घर-घर दवा किट वितरित कर कोरोना संक्रमण रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है।

बैठक में बताया गया कि टीकाकरण तथा कोरोना के खिलाफ जंग के सभी मानकों में राजस्थान देश के अग्रणी राज्यों में है। मंत्रिपरिषद ने केंद्र सरकार से 18 से 44 आयु वर्ग के लिए टीके की सुचारू आपूर्ति नहीं होने पर चिंता व्यक्त की और कहा कि टीकाकरण के बिना संक्रमण की चुनौती से निपटना आसान नहीं होगा।

बैठक में बताया गया कि राज्य सरकार के कुशल प्रबंधन तथा जन अनुशासन लाकडाउन की प्रभावी पालना के कारण राज्य में उपचाराधीन रोगियों की संख्या में तेजी से कमी लाने में मदद मिली है। संशोधित लाकडाउन के अंतर्गत विभिन्न व्यावसायिक गतिविधियों को कुछ छूट दी गई है, लेकिन कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। साथ ही, चिकित्सा विशेषज्ञों की भी यह सलाह है कि लॉकडाउन के प्रतिबंधों में एक साथ छूट नहीं देकर, संक्रमण की तमाम आशंकाओं को ध्यान में रखकर निर्णय किया जाना उचित होगा।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button