कला-साहित्य

आज के युवाएं

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

आज के युवाओं को फेसबुक, इंस्टाग्राम से फुरसत कहाँ है

देश की राजनीति में उतरने की जरूरत ही क्या है

उलझें पड़ें है बाबा, पंडितों और ठगों के चक्करों में

शिक्षित होकर आस लगायें बैठें हैं हाथ की लकीरों में

आजाद देश में गुलामों की जिंदगी जी रहें हैं

हाथ बंधे हैं अंधविश्वास, पाखंड और आडंबरों की जंजीरों में

इतिहास रचने के बजाय खुद का उपहास बना रहें हैं

लड़ने की हिम्मत नहीं है मरने के लिए जहर पी रहें हैं

सरकार से पूछने के बजाय भटक रहें हैं मंदिरों और मस्जिदों में

समझ नहीं है किसको वोट दें और किसको न दें !

नेताओं के मोह – जाल में फंस जाते हैं

जो ज्यादा झूठ बोलतें हैं उसी नेताओं को वोट दे जातें हैं

एक पल की भूल के खातिर पांच साल तक चोट खातें हैं

पढ़ – लिखकर इतिहास का ज्ञान नहीं है

किसको किसने लूटा है सदियों से उसका ध्यान नहीं है

पढ़ – लिखकर अनपढ़ बन बैठे हैं !

भगवान की खोज करने पुजारी की पूंछ पकड़ बैठे हैं

उम्मीदों की आस में भूखे पेट और निर्जल उपवास बैठे हैं

मन में सुनहरे ख्वाब लिये अंगारों पर नंगे पैर चल लेते हैं

कहीं बकरे की बलि दे रहें हैं तो कहीं मंदिरों में दान लुटा रहें हैं

लोगों को अपनी बुध्दिमता का अहसास करा रहें हैं

भगवान सच में है कहके सबुत जुटा रहें हैं।

हितेश्वर बर्मन

डंगनिया, सारंगढ़ (छत्तीसगढ़)

मो. नं.  8251081037

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