सेहत

कोलेस्ट्रॉल कम करने वाली इस दवा का सेवन करने वालों को सतर्क रहने की दी जा रही सलाह, जाने इसके side effects

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

जब भी हम किसी दवा का सेवन करते हैं तो यह शरीर पर कई तरह के प्रभाव छोड़ती है। ऐसे में अकसर दवाओं के प्रभाव और दुष्प्रभाव के बारे में बताया जाता है । हाल ही की स्टडी में दवा स्टैटिन का जिक्र किया गया है जिसे कोलेस्ट्रॉल के खिलाफ काफी प्रभावी माना गया है। अब इस दवा का सेवन करने वालों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है।

मरीजों को सतर्क रहने की सलाह

यूके की मेडिसिन्स एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) ने पहले से मौजूद मायस्थेनिया ग्रेविस के मरीजों को स्टैटिन लेते समय सतर्क रहने की सलाह दी है, क्योंकि स्थिति के दोबारा शुरू होने या बिगड़ने की खबरें आई हैं। मायस्थेनिया ग्रेविस एक न्यूरोमस्कुलर विकार है जो मांसपेशियों में कमजोरी की विशेषता है। स्टैटिन ऐसी दवा हैं जिनका उपयोग कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने के लिए किया जाता है।

स्टैटिन के ये हैं साइड इफेक्ट

मायस्थेनिक ग्रेविस के सामान्य लक्षणों में आंखों का झुकना, दोहरी दृष्टि, चबाने या निगलने में समस्या, बोलने में दिक्कत, अंगों में कमजोरी और सांस लेने में तकलीफ शामिल है। यूके एमएचआरए ने मरीजों को सलाह दी है कि स्टैटिन लेते समय इन  लक्षणों पर जरूर ध्यान दें। मांसपेशियों में कमजोरी और दर्द इस दवा का सबसे बड़ा साइड इफेक्ट है। जबकि कुछ लोगों को केवल मामूली मांसपेशियों में दर्द हो सकता है।

स्टैटिन को लेकर किए गए हैं ये दावे

स्टैटिन लेते समय, कुछ रोगियों में मतली, दस्त, कब्ज, या पेट जैसी समस्याएं भी देखने काे मिली है। जिन्हें पहले से ही मधुमेह है या विकसित होने का खतरा है वह डॉक्टर की सलाह लिए बीना इस दवाई का बिल्कुल भी सेवन ना करें। हालांकि पिछली कुछ स्टडी में यह दावा किया गया था कि स्टैटिन की मदद से  स्ट्रोक के खतरे को कम किया जा सकता है।

स्टैटिन क्या है

दरसअल स्टैटिन को HMG-CoA रिडक्टेस इनहिबिटर भी कहा जाता है। उनमें लवस्टैटिन (मेवाकोर), सिमवास्टैटिन (ज़ोकोर), प्रवास्टैटिन (प्रवाचोल), फ्लुवास्टैटिन (लेस्कोल), एटोरवास्टैटिन (लिपिटर), और रोसुवास्टैटिन (क्रेस्टर) शामिल हैं। कहा जाता है कि स्टैटिन HMG-CoA रिडक्टेस नामक एक एंजाइम को ब्लॉक करती हैं, जो कोलेस्ट्रॉल बढ़ाने का काम करते हैं। यह भी दावा किया जाता है कि स्टैटिन दवा लेने से न सिर्फ कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद मिलती है, बल्कि इससे धमनियों के सख्त होने (एथेरोस्क्लेरोसिस) के खतरे को भी कम किया जा सकता है।

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