आजादी के साढ़े सात दशक बाद भी विकास के मायने में काफी उपेक्षित है रेवती नगर क्षेत्र

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
ब्यूरो / रेवती (बलिया) चिकित्सा, परिवहन,रेल, संपर्क मार्ग आदि जैसी समस्याओं के चलते आज आजादी मिलने के साढ़े सात दशक बाद भी प्रशासनिक व जन प्रतिनिधियों की उपेक्षा के कारण रेवती नगर क्षेत्र विकास के मामले में काफी उपेक्षित है। सीएचसी रेवती पर विशेषज्ञ चिकित्सकों व चिकित्सा उपकरणों की कमी है।
वर्तमान में आयुष को छोड़ कर एक चिकित्साधिकारी डॉ दिनेश सिंह कार्यरत हैं। इनको ओपीडी के साथ रेवती तथा सहतवार दो नगर पंचायत व दो थानों का मेडिकल और मिटिंग भी देखना पड़ता है। जिससे स्वास्थ्य सेवा प्रभावित हो रही है। प्रभारी अधीक्षक तथा चीफ फार्मासिस्ट का पद महिनों से खाली है। तीन फार्मासिस्ट में एक फार्मासिस्ट संदीप शर्मा है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कुसौरी कला के फार्मासिस्ट राजकुमार से कार्य लिया जा रहा है।
एक फार्मासिस्ट अशोक कुमार यादव का स्थानांतरण सहतवार पीएचसी पर होने से दो फार्मासिस्टों को 12,12 घंटे कार्य करने पर काफी दबाव झेलनी पड़ रही है। भविष्य में इमरजेंसी सेवा भी प्रभावित हो सकती है। रेवती स्टेशन है किन्तु किसी प्रकार की यात्री सुविधा उपलब्ध नहीं है। तीन एक्सप्रेस व दो डीएमयू ट्रेनों का ठहराव है। बावजूद यहां कंप्यूटराईज की जगह ठेका से टिकट की बिक्री होने से टिकट कम पड़ने पर वगैरह टिकट के यात्रा करने अथवा आगे की यात्रा स्थगित करने पर विवश होना पड़ता है। अप साइड का प्लेटफार्म समाप्त कर दिए जाने पर गिट्टी पर दोड़ते हुए लोग ट्रेन में सवार होते हैं। ट्रेनों के आने जाने का उदघोषणा की कोई व्यवस्था नहीं है।
बिजली के न रहने पर स्टेशन पर अंधेरा कायम रहता है। रेवती नगर से ग्रामीण क्षेत्रों को जानें वाली आधा दर्जन संपर्क मार्गों के खस्ताहाल के चलते जल्दी कोई सवारी नहीं मिल पा रही है। जिससे रेवती का व्यवसाय प्रभावित हैं। तीन दिसंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बांसडीह विधानसभा में आगमन को देखते हुए क्षेत्रवासियों को विकास की आश जगी है।




