अध्यात्म

Mahashivratri 2024: महाशिवरात्रि पर रुद्राक्ष धारण करने पर मिलते हैं कई लाभ, जाने नियम

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

Mahashivratri Vrat 2024: फाल्गुन माह की शुरुआत होते ही शिव भक्तों को महाशिवरात्रि का बेसब्री से इंतजार रहता है। यह दिन शिव और शक्ति के मिलन का दिन माना गया है, क्योंकि धार्मिक मान्यताओं  इसी तिथि पर भगवान शिव और माता पार्वती की विवाह हुआ था। भगवान शिव का ही अंश माने गए रुद्राक्ष को धारण करने के लिए कुछ शुभ दिन बताए गए हैं, जिसमें से महाशिवरात्रि भी एक है। ऐसे में आप इस विशेष दिन पर रुद्राक्ष धारण कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

इस दिन कर सकते हैं धारण

रुद्राक्ष को धारण करने के लिए अमावस्या, पूर्णिमा, श्रावण सोमवार और शिवरात्रि का दिन सबसे उत्तम माना जाता है। ऐसे में आप 2024 में आने वाली शिवरात्रि को रुद्राक्ष धारण कर इसका विशेष लाभ प्राप्त कर सकते हैं।

ऐसे करें धारण

शास्त्रों के अनुसार, रुद्राक्ष को गले या कलाई में धारण करना अच्छा माना जाता है। रुद्राक्ष धारण करने के कुछ नियम भी बताए गए हैं, तभी इसका पूर्ण लाभ प्राप्त हो सकता है। रुद्राक्ष धारण करने के लिए सबसे पहले उसे दूध और सरसों के तेल से अच्छी तरह साफ करना चाहिए। साथ ही रुद्राक्ष धारण करते समय ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप भी करना चाहिए।

इन बातों का रखें ध्यान

अगर आप हाथ में रुद्राक्ष धारण कर रहे हैं तो 12 दाने और गले में पहन रहे है, तो 36 दाने वाली माला पहननी चाहिए। रुद्राक्ष को कभी भी काले रंग के धागे में नहीं पहनना चाहिए। साथ ही कभी इस बात का भी ध्यान रखें कि किसी को उपहार के रूप में रुद्राक्ष नही  देना चाहिए और न ही किसी दूसरे से लेना चाहिए। रुद्राक्ष धारण करने के बाद मांस-मदिरा का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए।

इस जगहों पर न करें धारण

शास्त्रों में माना गया है कि रुद्राक्ष को कभी भी श्मशान घाट में पहनकर नहीं जाना चाहिए। अगर आप ऐसे स्थान पर जाते भी हैं, तो इसे उतार कर जाएं। वहीं, घर में नवजात के जन्म के दौरान भी रुद्राक्ष धारण करने से बचना चाहिए। इसके साथ ही महिलाओं को मासिक धर्म में रुद्राक्ष धारण नहीं करना चाहिए। समय-समय पर रुद्राक्ष को गंगाजल से साफ करते रहना चाहिए, ताकी उसकी पवित्रता बनी रहे।

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