कला-साहित्य
		
	
	
पापा तुम जिंदा हो

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
सुनो पापा तुम जिंदा हो
कहाँ था तुमने मुझसे जो
मरकर भी जिंदा रहूँगा
लाडो की रक्षा में करूँगा
तेरी बातो में यादो में
हरपल तेरा सहारा बने
तुझपर में ध्यान रखूँगा
सपनो में कभी आकर
बात में तुझसे करकर
तू रोना नहीं कभी बेटा
आँख बंद करके याद
करना तुम अपने पापा
याद करना मेरा कहना
मेरे नियमों तू हमेशा
बस लाडो चले जाना
कोई हो न हो साथ
में रहूँगा पकड़े हाथ
धुप भी लगे तुझे लाडो
परछाई सा पेड़ बनुगा
बारिश आये जोरो की
किसी रूप में आऊंगा
कु, कविता चव्हाण, जलगांव, महाराष्ट्र
 
				



