कला-साहित्य
“गुरु दोहे”

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
शिक्षा देते साथ में, बाँटे गुरुवर ज्ञान।
सभी देवता से बड़े, गुरुवर को ही मान।।
निशदिन पूजा मैं करूँ, जोड़ूँ दोनो हाथ।
भटकूँ मैं जब राह पर, गुरुवर देना साथ।।
कोरा कागज जो रहे, भरते उन में ज्ञान।
सभी देवता से बड़े, गुरुवर को ही मान।।
सत्य वचन कहते सदा, ध्यान लगाते शिष्य।
गुरु कल का अनुमान कर, गढ़ते आज भविष्य।।
कृपा रहे जिस पर सदा, बनते वो विद्वान।
सभी देवता से बड़े, गुरुवर को ही मान।।
रचनाकार
प्रिया देवांगन “प्रियू”
छत्तीसगढ़
Priyadewangan1997@gmail.com