सहिष्णुता लोकतंत्र का गहना है जो आज गायब हो गया, देश का माहौल चिंताजनक: गहलोत
युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क
जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि देश में तनाव और हिंसा का माहौल चिंता पैदा करने वाला है और ये चिंता खत्म होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आगे आकर लोगों से शांति एवं सद्भाव बनाए रखने की अपील करनी चाहिए। गहलोत ने कहा कि सहिष्णुता लोकतंत्र का गहना है जो आज गायब हो गया है। मुख्यमंत्री ने यहां 18वें अखिल भारतीय विधिक सेवा प्राधिकरणों के दो दिवसीय सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।
सम्मेलन में सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एम वी रमण और केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजीजू भी मौजूद थे। गहलोत ने देश में चुनी हुई राज्य सरकारों को गिराए जाने पर भी कटाक्ष किया और कहा कि देश के हालात बहुत नाजुक हैं, इस बारे में हम सबको सोचना होगा। उन्होंने कहा कि हम बार-बार कहते हैं कि देश में तनाव है, हिंसा का माहौल है… यह नहीं होना चाहिए… लोकतंत्र सहिष्णुता पर टिका होता है। सहिष्णुता तो लोकतंत्र का गहना है… जो आज गायब है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हो या प्रधानमंत्री, अगर वह कोई बात कहेगा तो देश सुनेगा… तो क्या प्रधानमंत्री जी को यह नहीं कहना चाहिए कि देश में भाईचारा, प्रेम-मोहब्बत, सद्भावना रहनी चाहिए और किसी कीमत पर हिंसा को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
गहलोत ने मंच पर आसीन रिजीजू से कहा वे उनकी इस भावना को प्रधानमंत्री मोदी तक पहुचाएं। गहलोत ने कहा कि यह बहुत आवश्यक है, क्योंकि देश में आज ऐसा माहौल बन गया है जो चिंता पैदा कर रहा है और मेरा मानना है कि ये चिंता समाप्त होनी चाहिए। गहलोत ने कहा कि विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री और न्यायाधीश, हम सब शपथ लेते हैं। अगर शपथ की मूल भावना को भी आत्मसात कर लें, उससे इधर-उधर (राइट-लेफ्ट) नहीं भटकें तो भी काम चल जाएगा। शपथ लेने के बाद भी हम लोग ‘राइट-लेफ्ट’ होते हैं तो संतुलन बिगड़ता है।