कला-साहित्य

अपार अतलस्पर्शी गुरु

युग जागरण न्यूज़ नेटवर्क

शमशीर कृपाण हैं,
आलिम ज्ञानवान है ।
अपार अतलस्पर्शी,
गुरू ठहराव हैं ।

आसक्ति अनुराग हैं,
तम तमी चिराग हैं ।
इंदू हिमांशु समान,
सौम्य मृदु छांव हैं ।

तेज ओज आलोक हैं,
सुरक्षा त्राण लोक हैं ।
अनुपम छत्रछाया,
उपाध्याय पाँव हैं ।

ऐश्वर्य अहिवात हैं,
अद्भुत करामात हैं ।
जीवन अरुणोदय,
दूर दृष्टि भाव हैं ।

✍️ ज्योति नव्या श्री
रामगढ़, झारखण्ड

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